गौरी सोवै सेज पर, और मुख पर डारे केस
चल खुसरो घर आपने , रैन भई सब देस
जब यार देखा नैन भर , दिल की गयी चिन्ता उतर
ऐसा नहीं कोई अजब , राखे उसे समझाए कर
तू तो हमारा यार है , तुझ पर हमारा प्यार है
तुझ दोस्ती बिसयार है , इक शब मिलो तुम आय कर
खुसरो कहे बातें , गजब दिल में न लावे कुछ अजब
कुदरत खुदा की है अजब , जब जीव दिया गिल लायकर
जेहाले -मिस्की मकुन तगाफूल , दुराए नैना बनाए बतियाँ
की ताबे - हिजराँ न दारम ऐ जौ , न लिह्य काहे लगाए छतिया
शबाने - हिजराँ दराज वो चूँ , जुल्फे रोजे -वस्लत चू उम्र कोताही
सखी पिया को जो मै न देखूँ , तो कैसे काटूँ अँधेरी रतियाँ
चूँ शमय सोंजा चूँ जर्रा हैरा , जेमेंहरे -आमह वगशतम आखिर
न नींद नैना , न अंग चैनां , न आप आवे , न भेजै पतियाँ
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